अक्सर आपने सड़कों पर लगे जाम का सामना किया होगा। लेकिन, इस बार मामला अलग है, इस बार Suez Canal (स्वेज नहर) में जाम लगा है, जिससे कई अन्य मालवाहक जहाज (Freight carrier) यहां मिस्र (Egypt) में स्वेज नहर में लगे जाम के खुलने का इंतजार कर रहे हैं। यह जाम पिछले 6 दिनों से लगा है और इसके लिए कई कोशिशें की गई हैं। लेकिन एवर गिवेन (Ever Given) (स्वेज में फंसा जहाज) हैं कि हिलने का नाम तक नहीं (unclear when the channel will be free) ले रहा है।
एमवी एवर ग्रीन
लम्बाई- 400 मीटर
निर्मित- 2018
गति- 22.8 नॉट्स
कुल टनभार- 2,19,076
आज AlShorts में आपको हम बताएंगे कि यह जहाज यहां कैसे फंसा ( How Container ship Ever Given has blocked the Suez Canal) और कैसे इस जहाज को निकालने की कोशिशें जारी हैं। यहां आप जानेंगे स्वेज नहर में फंसे जहाज की पूरी कहानी (Story of Ever Given Ship) कि कैसे एक जहाज ने दुनिया में पहली बार एक नहर में जाम लगा दिया। साथ ही हम बताएंगे कि यदि इस जहाज (Megaship Ever Given) को नहीं हटाया गया तो कई चीजों पर महंगाई बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
23 मार्च को चीन से यूरोप के लिए ‘एवर गिवेन’ जहाज रवाना हुआ, इस दौरान मिस्र (Egypt) की स्वेज नहर में मौसम कुछ ठीक नहीं था। ऐसे में इस नहर के करीब पहुंचते ही यह जहाज तेज़ हवा और रेतीले तूफ़ान की चपेट में आ गया। ऐसे में उसका संतुलन बिगड़ गया और जहाज नहर में तिरछा होकर फंस गया। यह जहाज कोई सामान्य जहाज नहीं बल्कि दुनिया के सबसे बड़े मालवाहक जहाजों में से एक है। 400 मीटर लंबे और 53 मीटर चौड़े इस जहाज का वजन दो लाख टन है। इसकी तुलना न्यूयॉर्क की एम्पायर स्टेट बिल्डिंग (Empire State Building) से की गई है। यानि इसे सरकाना और न्यूयॉर्क की इस भव्य बिल्डिंग को सरकाने के सामान है। दोनों की ऊंचाई में महज कुछ ही मीटर का फर्क होगा। एयरबस स्पेस के अनुसार, यह इतना विशाल और भारी है कि इसे निकालने में कई हफ़्तों का वक्त लग सकता है।
दुनियाभर में चर्चा का विषय बना यह जहाज अपनी जगह से टस से मस नहीं हो रहा है। हाल ही में अमेरिका (America) ने भी इसे निकालने में मदद करने की पेशकश की है। पिछले दिनों में हुई लगभग सभी कोशिशें नाकाम हो चुकीं हैं। नहर के अधिकारियों ने ड्रेजिंग (Dredging) करवाई थी, टगबोट्स (Tugboats) का इस्तेमाल भी किया था। यहां तक कि नीचे से रेत हटाकर भी जहाज को निकलने की कोशिश की लेकिन सब बेकार गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जहाज को बाहर निकालने में कई हफ़्तों का वक़्त लग सकता है। स्वेज नहर का मार्ग भूमध्यसागर को लाल सागर से जोड़ने का काम करता है (Suez Canal Connects), जो एशिया और यूरोप के बीच एक छोटा समुद्री लिंक है। इस मार्ग को बड़ा करने की बात कई बार मिस्र की सरकार ने कही है लेकिन फिर भी इसपर काम नहीं किया गया।
विशेषज्ञों की मानें तो इस रास्ते के बहाल होने में कई दिनों-हफ़्तों का वक्त लग सकता है। इस जाम से दुनिया में कच्चे तेल की आपूर्ति के बाधित होने की आशंका पैदा हो गई है। इस कारण कच्चा तेल क़रीब पांच फ़ीसदी महंगा हुआ है। इस समस्या से निपटने के लिए मिस्र ने स्वेज़ नहर के पुराने चैनल को फिर से खोल दिया है। ताकि जरूरी सामान से लदे मालवाहक जहाज यहां से निकल सके। हालांकि, यह रास्ता काफी लम्बा हो सकता है लेकिन यहां जाम में फंसने से अच्छा जहाजों को किसी और रूट से रवाना करना सुलभ उपाय है।
भारत स्वेज नहर के जरिए क्रूड और अन्य प्रॉडक्ट्स का मुख्य आयातकर्ता है, भारत का दो तिहाई से ज्यादा क्रूड खाड़ी क्षेत्र से आता है। भारत के लिए मुख्य समस्या अमेरिका के साथ इथेन के आयात और निर्यात को लेकर सामने आ सकती है। हाल ही में भारत ने लैटिन अमेरिका से कच्चे तेल के आयात भी बढ़ाया है। भारत स्वेज नहर के माध्यम से प्रति दिन लगभग 500,000 बैरल क्रूड (Crude oil ) आयात करता है। रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2020 में भारत ने प्रतिदिन लगभग 5 मिलियन बैरल कच्चे तेल का आयात किया था। स्वेज नहर के माध्यम से कच्चे उत्पादों के निर्यातकों में, भारत, रूस, सऊदी अरब, इराक, लीबिया और अल्जीरिया हैं।
स्वेज नहर में लगे जाम से फिलहाल संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को कोई नुकसान (Suez Canal UAE) नहीं होगा। तेल व्यापार के विशेषज्ञों के अनुसार, यूएई के साझेदार भारत और चीन हैं, वहीं एशियाई बाजारों के लिए उनके मालवाहक जहाज स्वेज के रास्ते से सaफर नहीं कर रहे हैं। हालांकि कुछ कच्चे माल को लेकर इसका प्रभाव यूएई की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।
स्वेज कैनाल अथॉरिटी (Suez Canal Authority) के मुखिया के अनुसार, जहाज के अगले और पिछले हिस्से को कुछ खिसकाने करने में सफलता मिली है। लेकिन यह कहा नहीं जा सकता कि यह जहाज पानी में कब से तैरना शुरू करेगा। इसे लेकर कई हफ़्तों तक फंसे रहने की बात कही गई है। इस जहाज के फंसे होने से नहर में 321 शिप फंसे हुए हैं और स्वेज नहर अथॉरिटी इन सभी जहाजों को जरूरी सुविधाएं मुहैया करवा रही है। स्वेज कैनाल अथाॉरिटी के चेयरमैन ओसमा रैबी (Osama Rabie) ने कहा है कि उनको उम्मीद है कि कंटेनर को हल्का करने के लिए सामान हटाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन तेज हवाएं और बड़ी लहरें कोशिशों को मुश्किल बना रही हैं।