दुनियाभर में कई ऐसे पर्व मनाए जाते हैं, जिन्हें हम अपने बचपन से देखते आ रहे हैं। आज एक ऐसा त्यौहार हैं जिसके बूते हम अपना भविष्य बचाने का संकल्प लेंगे। चलिए आपको समझाते हैं, आज की रात की खासियत, जो वर्तमान परिदृश्य को लेकर बेहद महत्वपूर्ण है। आज पूरी दुनिया में अर्थ ऑवर (Earth Hour:2021) मनाया जाएगा। जिसके अंतर्गत सभी लोगों को बिजली (Electricity) का महत्त्व समझाया जाएगा और उन्हें पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरुक किया जाएगा।
अर्थ आवर (Earth Hour) में दुनियाभर के नागरिकों से न सिर्फ एक घंटे के लिए गैरजरूरी लाइट्स को बंद रखने की अपील की जाती है बल्कि सौर ऊर्जा को अपनाने की सलाह भी दी जाती है। बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) और जलवायु सुरक्षा (Climate Change) के लिहाज से यह 1 घंटा काफी महत्वपूर्ण हो गया है। आज आपको AlShorts अर्थ ऑवर से जुड़ी पूरी जानकारी देगा। आज की इस कड़ी में आप जानेंगे कि अर्थ ऑवर क्यों (Why Celebrating Earth Hour) मनाया जाता है। हमें क्यों लगातार यह समझाया जा रहा है कि पृथ्वी को जल्द से जल्द बचाना (Save Planet) होगा।
यह ज्यादा पुरानी शुरुआत नहीं है, जैसे ही लोगों को समझ आने लगा कि हमें ऊर्जा को बचाने के लिए कुछ आवश्यक कदम उठाने होंगे और यह सब जल्द ही करना होगा। जिसके बाद जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर ऑस्ट्रेलियाई लोगों के विचार जानने के उद्देश्य से 2004 में विश्व वन्यजीव एवं पर्यावरण संगठन (World Wide Fund for Nature, WWF) की ऑस्ट्रेलियाई शाखा और विज्ञापन एजेंसी लियो बर्नेट (Leo Burnett Worldwide) सिडनी के बीच एक विचार-विमर्श गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में हुए विचार-विमर्श के आधार पर 2006 में ‘द बिग फ्लिक’ (The Big Flick) नाम से एक ऐसे अभियान की रूपरेखा तैयार की गई जिसका उद्देश्य बड़े स्तर पर देश में बिजली के उपकरणों को बंद करना था। जिसके बाद अर्थ आवर की शुरुआत वर्ष 2007 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर से हुई और धीरे-धीरे यह दुनियाभर में पॉपुलर हो गया। 2008 में 35 देशों ने अर्थ आवर डे में हिस्सा लिया। अब अर्थ आवर डे में 178 से अधिक देश शामिल हो गए हैं।
1. पेरिस, एफिल टावर (Eiffel Tower, Paris)
2. न्यूयॉर्क, एम्पायर स्टेट बिल्डिंग, (Empire State Building, New York City)
3. दुबई, बुर्ज खलीफा (Burj Khalifa, UAE)
4. एथेंस, एक्रोपोलिस (Acropolis, Athens)
5. इजिप्ट, पिरामिड (Pyramids of Egypt)
6. लन्दन, बिग बेन (Big Ben, London)
7. सिडनी, ओपेरा हाउस (Sydney Opera House, Australia)
8. रूस ,मॉस्को क्रेमलिन (Moscow Kremlin, Russia)
9. थाईलैंड, ग्रैंड पैलेस (Grand Palace, Thailand)
10. हांगकांग, विक्टोरिया हार्बर (Victoria Harbour, Hong Kong)
11. चीन, शंघाई टावर (Shanghai Tower, China)
पूरी दुनिया में आज की रात अर्थ डे मनाने की तैयारियां शुरू हो चुकीं हैं। हर साल मार्च महीने के अंतिम शनिवार की रात दुनियाभर में लाखों लोग एक घंटे के लिए लाइटें बंद कर धरती की बेहतरी के लिए एकजुट होते हैं। दुनियाभर में आज 178 से ज्यादा देशों में लोग रात 8.30 बजे से 9.30 बजे तक अपने घरों की लाइटें स्विच ऑफ करके ऊर्जा की बचत करेंगे साथ ही सौर ऊर्जा अपनाने का सन्देश देंगे।
संयुक्त अरब अमीरात में इसे लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। हालांकि, आज सरकारी संस्थान तो बंद हैं ही, लेकिन निजी संस्थानों के लोगों ने भी इसे लेकर अपनी पूरी तैयारी कर दी है। अर्थ ऑवर डे को महज कुछ घंटे बाकि है और ऐसे में दुनिया की सबसे बड़ी इमारत बुर्ज खलीफा भी अंधेरे के जरिए नई रोशनी की उम्मीद का आगाज करेगा। इसके अलावा सातों अमीरातों की मुख्य जगहों पर भी Black Out के जरिए इस 1 घंटे को ऊर्जा को समर्पित किया जाएगा।
भारत में इसकी शुरुआत साल 2009 में हुई थी। इसमें 58 शहरों में 50 लाख लोगों ने हिस्सा लिया था। इसके बाद साल 2010 में 128 शहरों के 70 लाख लोगों ने इस अभियान में हिस्सा लिया था और बाद में ये सिलसिला बढ़ता चला गया। दिल्ली के लोगों ने साल 2018 में सबसे ज्यादा 305 मेगावाट बिजली बचाई थी। वहीं साल 2020 में 79 मेगावाट बिजली बचाई गई थी।
हर अभियान के पीछे कई तर्क-वितर्क होते हैं, ठीक वैसे ही इस अभियान के पीछे भी आलोचकों ने अपना मत रखा है। इस बार आयोजित हो रहे Earth Hour 2021 के आलोचकों के अनुसार, यह एक अच्छी पहल है लेकिन इसमें कुछ ‘लूप होल’ हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, बिजली बंद होगी और ऊर्जा बचाई जाएगी तो लोग मोमबत्तियों का इस्तेमाल करेंगे। अगर ज्यादा लोग मोमबत्ती का इस्तेमाल करेंगे तो यह भी पर्यावरण के लिए ठीक नहीं होगा क्योंकि ज्यादातर मोमबत्ती ‘पैराफिन’ (Paraffin wax) से बनती हैं जिसका आधार जीवाश्म ईंधन (fossil fuel) है। आलोचकों का मानना है कि एक घंटा बिजली बंद (Blackout) करने की अपेक्षा ध्यान इस बात पर देना चाहिए कि किस तरह जीवाश्म ईंधन की निर्भरता घटाई जाए।